कुछ लोग वाहन चलाते समय अक्सर छोटी बड़ी दुर्घटनाओं के शिकार होते हैं। लेकिन ऐसा होता क्यों है। आज हम बार बार होने वाली वाहन दुर्घटनाओं के ज्योतिषीय कारणों, एवं उनके वैदिक निराकरण के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। यदि आप इस जानकारी को वीडियो के माध्यम से प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे यूट्यूब चैनल वैदिक ऐस्ट्रो केयर में आपका स्वागत है। साथ ही वैदिक ज्योतिष शास्त्र एवं सनातन धर्म की अनेकों जानकारियां प्राप्त करने के लिए वैदिक ऐस्ट्रो केयर यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब कर नए वीडियो के नोटिफिकेशन की जानकारी के लिए वैल आइकन दबा कर ऑल सेलेक्ट करना ना भूले।
आकस्मिक अथवा बार बार छोटी बड़ी दुर्घटनाएं ग्रहों के गोचर के कारण होती हैं। कई बार जन्म कुंडली में ग्रह दशा सही ना होने के कारण दुर्घटना योग बन जाता है। और इस योग के कारण ही व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यदि जन्मकुंडली में दुर्घटना योग हो तो व्यक्ति बार-बार अनेक प्रकार की दुर्घटना का शिकार हो सकता है। जन्म कुंडली में ग्रहों के योग, या फिर ग्रहों की गोचर स्थिति के कारण यह स्थिति बनती है। यदि जन्म कुंडली में सूर्य मारक घर का स्वामी होता है या कुपित होता है,तो इससे व्यक्ति के दुर्घटनाग्रस्त होने की अधिक संभावना होती है। इसके कारण व्यक्ति को हड्डी से जुड़ी चोट लगने की संभावना अधिक बनती है। अतः यदि कुंडली में सूर्य की स्थिति ठीक नहीं है, तो प्रतिदिन प्रातः काल सूर्य को अर्घ्य अवश्य दें। यदि कुंडली में चंद्रमा की स्थिति ठीक ना होने से दुर्घटना योग बन रहा हो तो ऐसी स्थिति में दुर्घटना होने से व्यक्ति की मानसिक स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ता है।
अतः उपाय के लिए भगवान शिव की पूजा अवश्य करनी चाहिए। साथ ही वाहन चलाने से पूर्व, तीन बार महामृत्युंजय मन्त्र का जाप करें। यदि जन्म कुंडली में मंगल की स्थिति उचित नहीं है, तो इससे किसी बड़ी दुर्घटना होने के योग बनते हैं। जिससे व्यक्ति के सिर में चोट लगने से गम्भीर मानसिक परेशानियां होती हैं। अतः
मंगल के प्रकोप से बचने के लिए नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए। साथ ही मंगल ग्रह शान्ति करवानी चाहिए।
यदि कुंडली में बुध की दशा सही ना होने से दुर्घटना योग बन रहा हो तो ऐसे व्यक्ति को कोई अन्य वाहन से टक्कर लगकर चोट लगने की आशंका होती है। अतः उपाय के तौर पर बुधवार को हरे रंग की वस्तुओं का दान करना चाहिए। साथ ही अपने वाहन की गति भी धीमी रखें।
यदि बृहस्पति ग्रह के कारण जन्म कुंडली में दुर्घटना योग बन रहा हो तो व्यक्ति किसी बड़ी दुर्घटना का शिकार होकर गम्भीर अंदरूनी चोट लगने से घायल होता है। अतः उपाय के लिए गुरुवार को कोई एक पीला वस्त्र धारण करना चाहिए। साथ ही किसी भी रूप में गुरुवार को साबुन का प्रयोग ना करें। यदि शुक्र ग्रह के कारण जन्म कुंडली में दुर्घटना योग बन रहा हो तो व्यक्ति की आंखों या सिर पर चोट लग सकती है। अतः उपाय हेतु शुक्रवार को सफेद रंग की खाद्य सामग्री का दान करें। यदि शनि ग्रह के कारण जन्मकुंडली में दुर्घटनाओं के योग बन रहे हों तो इससे व्यक्ति को गम्भीर चोट लगकर किसी अंग को गंवाना पड़ सकता है। अतः उपाय के लिए वैदिक ब्राह्मणों द्वारा महामृत्युंजय मंत्र का विधिवत जाप अवश्य करवाना चाहिए।
यदि जन्मकुंडली में राहु ग्रह के प्रभाव से दुर्घटना के योग बन रहे हों तो इससे सिर में चोट लगकर व्यक्ति की स्मरण शक्ति क्षीण या समाप्त हो जाती है। या व्यक्ति कोमा में चला जाता है। अक्सर देखा जाता है कि बिना राहु की युति, दृष्टि या अन्य सम्बन्धों के दुर्घटना योग बनता ही नहीं है। किंतु यदि राहु और मंगल के सम्बंध से दुर्घटना योग बने, या राहु और शनि ग्रह के सम्बंध से दुर्घटना योग बने तो स्थिति अधिक भयावह होती है। अतः इससे बचने के लिए राहु ग्रह के बीज मंत्र का जप ब्राह्मणों द्वारा अवश्य करवाना चाहिए। साथ ही किसी भी प्रकार के मादक पदार्थों के सेवन से भी बचना चाहिए। यदि केतु ग्रह के प्रभाव से जन्म कुंडली में दुर्घटनाओं का योग बन रहा हो तो इससे शरीर के निचले हिस्से पर गम्भीर चोट लग सकती है। अतः उपाय के लिए भगवान शिव की पूजा अवश्य करें, एवं किसी भी मंदिर में एक मुख्य ध्वज दान करें।
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