वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनेकों ग्रन्थों में अनेक प्रकार के योगों के विषय में विस्तार पूर्वक वर्णन प्राप्त होता है। जिनमें से कुछ अशुभ योगों का जीवन पर जहां अशुभ प्रभाव पड़ता है वहीं कुछ ऐसे शुभ योग भी होते हैं जिनका जीवन पर बहुत ही सकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिलता है।
इन्ही में एक योग है परिवर्तन योग। यदि किसी जातक की जन्म कुण्डली में यह योग हो तो यह विशेष फलदायी माना गया है। आज हम परिवर्तन योग के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। यदि आप इस जानकारी को वीडियो के माध्यम से प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे यूट्यूब चैनल वैदिक ऐस्ट्रो केयर में आपका स्वागत है। साथ ही वैदिक ज्योतिष शास्त्र एवं सनातन धर्म की अनेकों जानकारियां प्राप्त करने के लिए वैदिक ऐस्ट्रो केयर यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब कर नए वीडियो के नोटिफिकेशन की जानकारी के लिए वैल आइकन दबा कर ऑल सेलेक्ट करना ना भूले।
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों का जन्मकुंडली के अलग अलग भावों में स्थिति कई प्रकार के योगों का निर्माण कर व्यक्ति के जीवन को अनेक प्रकार से प्रभावित अवश्य करती है। यदि जन्मकुंडली में परिवर्तन योग की स्थिति बन रही हो तो इसका विशेष प्रभाव देखा जा सकता है। व्यक्ति के जीवन में आने वाले उतार-चढावों में ग्रहों के गोचर की स्थिति और दशाओं का संबंध बहुत गहरा प्रभाव दिखाने वाला होता है।
परिवर्तन योग का तात्पर्य है कि जब कोई दो या दो से अधिक ग्रहों का एक दूसरे की राशि में स्थित होना। यही ग्रह स्थिति परिवर्तन योग कहलाती है। इसे ठीक प्रकार से समझें। किसी भी व्यक्ति की जन्मकुंडली में यदि मंगल शुक्र की राशि में स्थित है और शुक्र ग्रह मंगल की राशि में स्थित हो तो ये एक प्रकार का ग्रहों से बनने वाला राशि परिवर्तन योग बनता है।
शुभ भावों के स्वामियों का परस्पर परिवर्तन जैसे, लग्न व पंचम भाव का परिवर्तन या दो केन्द्रेशों का परिवर्तन या केन्द्र और त्रिकोण भाव मे परस्पर परिवर्तन, त्रिकोण के स्वामियों का परिवर्तन, केन्द्र व त्रिकोण का परिवर्तन, राजयोग का निर्माण करता है। इसके अतिरिक्त त्रिक भावों के स्वामियों के मध्य परिवर्तन, विपरित परिवर्तन राजयोग बनाता है। यह एक ऎसा योग है जो यदि सही रुप में बनता है तो जीवन में यश मान सम्मान और प्रसिद्धि प्रदान करता है। एशिया के सर्वाधिक धनाढ्य व्यक्ति मुकेश अंबानी जी की जन्मपत्रिका में भी परिवर्तन योग का निर्माण होता है।
अतः इस महत्वपूर्ण योग का प्रभाव व्यक्ति के जीवन को किसी न किसी रुप में प्रभावित अवश्य ही करता है। परिवर्तन योग को एक शुभ योग माना गया है, किन्तु इसी के साथ कुंडली में बन रही इसकी भाव स्थिति और ग्रह स्थिति का भी ध्यान रखने की अति आवश्यकता होती है, उसी के अनुरुप इस योग का उचित लाभ जीवन में प्राप्त किया जा सकता है। अपनी जन्मकुंडली का सशुल्क विश्लेषण करवाकर, शुभ अशुभ योगों की जानकारी प्राप्त करने एवं श्रेष्ठ वैदिक उपायों हेतु आप दिए गए नम्बरों के माध्यम से हमसे संपर्क कर सकते हैं। वेदिक एस्ट्रो केयर आपके मंगलमय जीवन हेतु कामना करता है, नमस्कार।
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