वैदिक ज्योतिष शास्त्र परिचय भाग 2 | Learn Vedic Astrology in Hindi || Part 2

गुरुवार, 9 अप्रैल 2020

वैदिक ज्योतिष शास्त्र परिचय भाग 2 | Learn Vedic Astrology in Hindi || Part 2

Vedic astro care में आपका हार्दिक अभिनंदन है।

ॐ ब्रह्मा मुरारीस्त्रिपुरांतकारी भानु: शशी भूमिसुतो बुधश्च।गुरुश्च शुक्र: शनिराहुकेतवः कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम॥


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भारतीय ऋषिमुनियों ने अपने दिव्य दृष्टि से जिन जिन विषयो का आत्मसाक्षात्कार किया है उनमे ज्योतिष का विशेष स्थान है। वेद की महत्ता को सभी भारतीय जानते है। वेद के षड अंग है। इनमे ज्योतिष का विशेष स्थान है। कहा जाता है की वेद को भलीभांति जानने के षड ग्रंथो यथा शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छन्द और ज्योतिष का अध्ययन करना अत्यंत ही अनिवार्य है बिना इनके अध्ययन के वैदिक ज्ञान अधूरा होता है। अतः आप समझ सकते है की ज्योतिष ( Astrology) का कितना महत्त्व है।






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Vedic Astro Care | वैदिक ज्योतिष शास्त्र

Author & Editor

आचार्य हिमांशु ढौंडियाल

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