रविवार, 10 जनवरी 2021

सिद्ध महाविद्या तंत्र प्रयोग

नमस्कार। वैदिक ऐस्ट्रो केयर में आपका हार्दिक अभिनंदन है। श्रीमद्भागवत महापुराण के अंतर्गत एक प्रसंग के अनुसार माता कुंती ने भगवान श्री कृष्ण जी से पूछा था, कि भगवन! संसार का प्रत्येक व्यक्ति सुख प्राप्ति की कामना से ही कर्म करता है, किन्तु उसे सुख के स्थान पर दुख की प्राप्ति ही अधिक होती है। इसका मूल कारण क्या है? यदि आज के परिप्रेक्ष्य में देखें तो यह प्रश्न केवल माता कुंती का नहीं है, अपितु हम सबका है। क्योंकि हम सब भी जो कुछ भी कर्म करते हैं उसके पीछे मुख्य कारण सुख प्राप्ति की कामना ही होती है। किन्तु सुख समृद्धि की प्राप्ति के लिए रात दिन हर सम्भव प्रयास करने के उपरांत भी यदि जीवन समस्याओं से घिरा हुआ है तो इसके अनेक कारण हो सकते हैं। रोग, कष्ट, क्लेश, हानि, दुर्घटना आदि अनेक विषयों के कारण एवं उनके सही निवारण पर आज हम विस्तार पूर्वक चर्चा करेंगे, अतः आप वीडियो को अंत तक ध्यान से देखें, और साथ ही हमारे इस वैदिक ऐस्ट्रो केयर चैनल को सब्सक्राइब कर नए नोटिफिकेशन की जानकारी के लिए वैल आइकन दबाकर ऑल सेलेक्ट अवश्य करें। क्योंकि जनकल्याणार्थ समय समय पर हम इस चैनल के माध्यम से अनेक दुर्लभ जानकारियां प्रेषित करते रहते हैं। 
आपने अनुभव किया होगा कि आपके जीवन में सब कुछ अच्छा चल रहा होता है लेकिन अचानक कुछ ऐसा घटित हो जाता है जो कि आपकी कल्पना से भी परे होता है| अचानक आई किसी भी प्रकार की परेशानी, का कारण सम्भवतः टोने-टोटके या तांत्रिक प्रयोग हो सकते है| रामचरित मानस में गोस्वामी तुलसीदास जी लिखते हैं कि "ऊंच निवास नीच करतूति। देख न सकहिं पराई विभूति।।" आज यही बात चारों ओर दिखाई भी देती है। यदि आप किसी भी प्रकार का कोई व्यापार प्रारम्भ करते हैं तो जो लोग उस कार्य में पहले से हैं वह आपके व्यापार को बढ़ता देख, आपकी प्रगति को अवरुद्ध करने के लिए अनेक प्रकार के षट्कर्म करने लगते हैं। यह बात हम अपने अनुभव के आधार पर कह रहे हैं। हमारे पास अनेक बार ऐसे लोगों के फोन आते हैं जो अपने पड़ोसी दुकानदार के यहाँ लगी ग्राहकों की भीड़ से परेशान हैं, उन्हें अपनी प्रगति के लिए उपाय करवाने से पहले पड़ोसी के लिए तंत्र मंत्र करवाना अधिक श्रेष्ठ उपाय लगता है। किन्तु हम अपने समस्त दर्शकों से करबद्ध निवेदन करना चाहते हैं, कि अपने व्यापार, स्वास्थ्य, सुरक्षा, समृद्धि हेतु ही उपाय करें, ना कि दूसरे को हानि पंहुचाने के लिए। आपको यदि यह लगता है कि किसी के द्वारा आपके व्यापार को बांध दिया गया है, या फिर आपके या आपके परिवार के लिए तंत्र प्रयोग किया गया है जिसके कारण आपके परिवार वालों को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, अथवा आपको जॉब या व्यापार में हानि हो रही है, आपके घर में निरंतर क्लेश लड़ाई झगड़ा होता रहता है तो और आपके घर या व्यापार पर आया कोई भी संकट सभी तरह के उपायों को करने पर भी नही टल रहा है तो आपको ये समझना चाहिए कि ये समस्या कोई सामान्य समस्या नही है| ये समस्या ज्योतिष और तांत्रिक कारणों से हो सकती है| ऐसे में आपको श्रेष्ठ तांत्रिक उपाय एवं वैदिक उपाय शीघ्र ही कर लेने चाहिए।
तांत्रिक विद्या का प्रयोग तांत्रिक प्रभावों से मुक्ति के लिए अति महत्वपूर्ण हैं| अतः आज हम आपको कुछ श्रेष्ठ उपाय बता रहे हैं जिनके प्रयोग से आप अपनी हर प्रकार की समस्याओं से शीघ्र मुक्ति पा सकें। यह ध्यान पूर्वक समझ लें कि समस्याओं के अनेक रूप हो सकते हैं, जैसे - नज़र लगना, किसी के द्वारा काला जादू या तांत्रिक प्रयोग करना, दुकान और ऑफिस को तंत्र से बांधना, गृहक्लेश या रोगग्रस्त रहना, भूत प्रेत बाधा, नकारात्मक ऊर्जा, टोने-टोटके, आदि। इस प्रकार की सभी समस्याओं से मुक्ति पाने का सर्वश्रेष्ठ उपाय है सिद्ध महाविद्या प्रयोग। यह तंत्र प्रयोग हमेशा किसी अच्छे जानकार ब्राह्मण के द्वारा ही करवाना चाहिए। सिद्ध महाविद्या प्रयोग से आप अपनी और अपने परिवार सहित व्यापार आदि की सुरक्षा कर सकते हैं। यह एक तांत्रिक उपाय है, अतः इसे सही मुहूर्त में, सही विधि से ही सम्पन्न किया जाता है। विशेष कर यह सिद्ध महाविद्या प्रयोग अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी, और अमावस्या तिथि एवं मंगलवार या शनिवार को रात्रि में ही किया जाता है। एक ही रात्रि में 21 आवृत्ति पाठ का नियम है, अतः इस प्रयोग के लिए 7 ब्राह्मणों का वरण किया जाता है। यह प्रयोग सदा सही मुहूर्त में ही करना चाहिए, अतः सर्वप्रथम किसी श्रेष्ठ दैवज्ञ वैदिक कर्मकांडी ब्राह्मण द्वारा शुभ मुहूर्त निश्चित कर लेना चाहिए। फिर जो भी दिन निश्चित हो, उस दिन प्रातःकाल स्नान आदि नित्यकर्मों से निवृत्त होकर पूरे दिन निराहार व्रत धारण करें। प्रातः काल एवं सन्ध्या समय पूरे घर में देशी गाय के गौमूत्र मिले हुए शुद्ध जल से सफाई करें। जिस स्थान पर पूजन होना है उस स्थान को गोबर से लीपकर पंचगव्य से वेदमंत्रों द्वारा शुद्ध करें। साथ ही कर्मकर्ता यजमान एवं आचार्य गण पंचगव्य का प्राशन करें। शुद्ध मिट्टी या गङ्गा आदि पवित्र नदी की रेत से एक सवा हाथ प्रमाण की चौकोर वेदी बनाएं। उसमें सर्वतोभद्र बनाकर बीच में तांबे का कलश स्थापन करके कांसे या तांबे की थाली में अष्टगंध या हल्दी रोली के माध्यम से दुर्गा यन्त्र बनाकर, यन्त्र के ऊपर बीच त्रिकोण में देवी की मूर्ति या स्वर्ण प्रतिमा स्थापित करें। देवी के ऊपर त्रिकुटी बनाकर लाल चुनरी अथवा लाल साड़ी का घूंघट रखें। देवी के दाहिने भाग में घी का दीपक स्वेतवर्तिका युक्त और बाईं ओर तेल का दीपक लाल वर्तिका युक्त जलावें। ततपश्चात शुद्ध वस्त्र धारण कर विधिवत आचमन आसन शुद्धि, भूमि पूजन, दिगरक्षण कर्मपात्र स्थापन,  शंख घण्टी पूजन, दीप पूजन, सूर्य पूजन, स्वस्ति वाचन सहित पूजन का प्रधान संकल्प करें। इसके बाद गणेशाम्बिका, वरुण पूजन, पुण्याहवाचन, षोडश मातृका, सप्तघृतमातृका सहित योगिनियों का विधिवत पूजन करें। देवी के आठों दिशाओं में अष्टभैरवों का और दिग्देवीयों का पूजन करें। देवी के वाहन सिंह, एवं आयुध खड्ग का पूजन करने के उपरांत मां भगवती का विधिवत षोडशोपचार से पूजन करें। साथ ही भगवान शिव का भी अभिषेक सहित पूजन अवश्य करें। सिद्ध महाविद्या पाठ के उपरांत पाठ मन्त्रों द्वारा, साबुत लाल मिर्च से हवन करें। फिर भूमि पर महाकाली यन्त्र बनाकर, यन्त्र में महाकाली का विधिवत पूजन कर देवी के अनुचरों सहित, अष्ट भैरव, दिग्पाल, क्षेत्रपाल, चतुषष्ठी योगिनी, दिग्देवीयों को दीप सहित माष बलि प्रदान करें। इक्षुदण्ड, कुष्मांड, माष बलि सहित नाना पकवानों द्वारा मां दक्षिण काली को भी बलि प्रदान करें। अंत में मां भगवती की सपरिवार घी के पांच दीपक और कपूर जलाकर आरती करें। क्षमा प्रार्थना करने के बाद ब्राह्मणों से आशीर्वाद ग्रहण करें। इसके बाद ब्राह्मणों को भोजन करवाकर स्वयं भी सपरिवार भोजन करें। यह सिद्ध महाविद्या प्रयोग सर्वश्रेष्ठ तंत्र प्रयोग है, अतः इसे प्रयोग करने के लिए सही मुहूर्त, पूर्ण शुद्धता, विधि एवं विधान, पाठ संख्या, हवन, एवं बलिदान आदि का विशेष रूप से ध्यान रखें। किसी भी मनोरथ की पूर्ण सिद्धि हेतु सिद्ध महाविद्या प्रयोग करने हेतु आप हमसे संपर्क कर सकते हैं। मोबाइल नंबर आपको डिस्क्रिप्शन में भी उपलब्ध हो जाएगा। कुछ छोटे छोटे अन्य उपाय हम आपको यहां बता रहे हैं जिन्हें आप स्वयं प्रयोग कर सकते हैं। 
यदि किसी के ऊपर बुरी नज़र का साया हो गया है तो शनिवार के दिन किसी पात्र में थोड़ा सा कच्चा दूध लेकर इसे प्रभावित व्यक्ति के सिर के ऊपर से 7 बार घुमाएँ| अब इस दूध को किसी काले कुत्ते को पिला दें| ऐसा करने से बुरी नज़र का प्रभाव समाप्त हो जायेगा|
यदि आपकी दुकान और ऑफिस में काम अच्छा नही चल रहा है घर में कलह और अशांति रहती है तो इसका कारण किसी के द्वारा आप पर काला जादू करना हो सकता है| ऐसी स्तिथि में शनिवार के दिन 8 डंठल वाले पान के पत्ते और 5 पीपल के पत्ते लें| अब एक लाल रंग का धागा लेकर इन पत्तों को उसमें पिरो दें| इसके बाद इसे घर, ऑफिस या दुकान में पूर्व की दिशा में बाँध दें| ऐसा करने से किसी भी प्रकार का तांत्रिक प्रभाव कम हो जायेगा| गौमूत्र के प्रयोग से भी तांत्रिक विद्या के प्रभाव को कम किया जा सकता है| इसके लिए आपको घर में नियमित रूप से गौमूत्र का छिड़काव करना चाहिए| नकारात्मक शक्तियों को नष्ट करने में यह बहुत अच्छा उपाय है। गौ-माता में सभी देवताओं का वास होता है और इसी कारण गौ मूत्र में अद्भुत शक्तियां विद्यमान होती हैं|
भूत प्रेत के प्रभाव से बचने के लिए प्रेत बाधा निवारक हनुमत मंत्र एक प्रभावशाली तांत्रिक मन्त्र है| ये मंत्र इस प्रकार है –
ओम ऐं ह्रीं श्रीं ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ओम नमो भगवते महाबल पराक्रमाय भूत-प्रेत पिशाच-शाकिनी-डाकिनी-यक्षणी-पूतना-मारी-महामारी, यक्ष राक्षस भैरव बेताल ग्रह राक्षसादिकम्‌ क्षणेन हन हन भंजय भंजय मारय मारय शिक्षय शिक्षय महामारेश्वर रुद्रावतार हुं फट् स्वाहा। इस मंत्र का प्रयोग मन्त्र सिद्ध करने के उपरांत ही करना चाहिए। 



यदि कोई आपको तंत्र-मंत्र आदि के प्रयोग से नुकसान पहुँचाना चाहता है तो इसके लिए आपको ये उपाय करना चाहिए| ये तांत्रिक विद्या का तोड़ करने में बहुत आसन है लेकिन इसका प्रभाव काफी अच्छा होता है|

अशोक वृक्ष के सात पत्ते तोड़कर ले आयें और इन्हें घर के मंदिर में रखकर पूजा करें| जब ये पत्ते सूखने लगें तब इन्हें उठाकर पीपल के पेड़ के नीचे रखकर आ जाएँ और दूसरे पत्ते तोड़कर दोबारा मंदिर में रख दें| ये उपाय निरंतर करने से घर हर तरह के तांत्रिक हमलों, टोनों टोटकों या फिर नज़र से बचा रहता है|

तांत्रिक विद्या का तोड़ करने के लिए सुबह शाम माँ काली को दो अगरबत्ती ज़रूर लगायें| ऐसा नियमित रूप से करने से घर सभी तरह के तांत्रिक प्रभावों से मुक्त रहता है|

तांत्रिक विद्या का तोड़ बचाव के लिए ही करना चाहिए| इसके लिए मंगलवार या शनिवार को बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए| नज़र दोष, भूत प्रेत से मुक्ति के लिए यह बहुत प्रभावी उपाय है|

हनुमान जी की आराधना करते समय मांस मदिरा से दूर रहना चाहिए| गलती करने पर कोई भी उपाय असर नही करेगा|

नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव से मुक्त होने के लिए तांत्रिक विद्या का तोड़ इस प्रकार करें- एक पानी वाला नारियल लें और घर के प्रभावित सदस्य के सिर से 21 बार उसारकर किसी मंदिर या देव स्थान के पास जाकर जला दें| ये उपाय आप 5 शनिवार करें तो सभी संकटों से मुक्ति मिलती है|

प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ने और वर्ष में एक दो-बार सुन्दरकाण्ड करवाने से घर हर प्रकार से तांत्रिक हमलों से सुरक्षित रहता है| ये उपाय तांत्रिक शक्ति को समाप्त करने में बहुत ही सटीक है|

एक नींबू लें और इसे प्रभावित व्यक्ति के सिर से 21 बार उसारें और किसी चौराहे पर जाकर इसे पटक दें आते समय पीछे मुड़कर न देखें| ऐसा करने से व्यक्ति के ऊपर बुरी आत्मा का साया हो तो उतर जाता है|

तांत्रिक असर को ख़त्म करने के लिए क्लीं मंत्र का भी प्रयोग किया जा सकता है| काली माता को पूजा के दौरान एक गुलाब चढ़ाएं और इस मंत्र का 21 बार जप करें| मन्त्र – “ॐ क्लीं”| इस मंत्र का 21 बार उच्चारण पूरा होने के बाद गुलाब की 7 पंखुडियां प्रभावित व्यक्ति को खिला दें|

नकारात्मक ऊर्जा, टोने-टोटके, तांत्रिक हमलों से बचने के लिए साँझ के समय इस मंत्र का 11 बार जाप करें और धूप बत्ती जलाएं| मंत्र इस प्रकार है –

“देव दानव देव दानव सिद्धौघ पूजिता परमेश्वरी

पराण रूप परमा परतंत्र विनाशिनी”

यदि आप काले जादू या तांत्रिक हमले को असफल करना चाहते हैं तो यह उपाय करें| शनिवार के दिन दो 2 नींबू लें| दोनों निम्बुओं को बीच में से काटें और बीच में नमक और राई भर के दोनों टुकड़ों को आपस में मिला दें|

इन दोनों निम्बू को प्रभावित व्यक्ति के सिर से 5 या 7 बार वार लें और फिर इन्हें चौराहे पर लेकर जाएँ| अब निम्बू के टुकड़े लें और एक-कर करके चारों दिशाओं में फैंक दें| इस उपाय को शनिवार से शुरू करके अगले शनिवार यानि 8 दिन तक करें|

ये तांत्रिक विद्या का तोड़ हर तरह की समस्या जैसे – नज़र, भूत प्रेत, टोना-टोटका सभी को नष्ट करने में अत्यंत ही लाभकारी है।
*नोट :- ऊपरी बाधा और तांत्रिक क्रियाओं का गारण्टी के साथ समाधान के लिए संपर्क करें*
परामर्श शुल्क :- 500/

हनुमत तंत्र शक्ति साधना केंद्र।
6394052848

Vedic Astro Care | वैदिक ज्योतिष शास्त्र

Author & Editor

आचार्य हिमांशु ढौंडियाल

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