शनिवार, 18 जुलाई 2020

श्रावण शिवरात्रि

नमस्कार।

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समस्त भगवद्भक्तों की सुख समृद्धि की कामना एवं अपनी सभी दैहिक दैविक भौतिक इच्छाओं की पूर्ति, अपने जीवन में शांति के लिए भगवान शिव की आराधना के लिए वर्ष का यह श्रावण मास सर्वोत्तम समय होता है।

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के पञ्चाङ्ग परम्परा के अनुसार हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इनमें, फाल्गुन और श्रावण मास की शिवरात्रि को विशेष फलदायी माना जाता है। इस बार श्रावण मास की शिवरात्रि 19 जुलाई, 2020 रविवार के दिन मनायी जायेगी। 

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आइये अब चर्चा करते हैं श्रावण माह में मनाई जाने वाली शिवरात्रि के महत्व और पूजन विधि के बारे में।

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शिवरात्रि भगवान शिव को समर्पित त्यौहार है। इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती, नंदी, गणेश, कार्तिकेय भगवान की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। सावन शिवरात्रि का दिन कांवड़ यात्रा का समापन दिन भी होता है। 

प्रतिवर्ष बहुत धूमधाम से होने वाली कांवड़ यात्रा में शिव भक्त हिंदू तीर्थ स्थानों, हरिद्वार, गौमुख और गंगोत्री, काशी विश्वनाथ, बैद्यनाथ, नीलकंठ आदि अन्य पवित्र जगहों से गंगाजल भरकर लाते हैं और शिव मंदिरों में भगवान शिव का इसी जल से अभिषेक करते हैं। हालाँकि इस वर्ष कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए  कांवड़ यात्रा रोक दी गयी थी।

हालाँकि इस वर्ष कांवड़ यात्रा तो नहीं हुई है लेकिन जो लोग श्रावण शिवरात्रि पर्व के दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक करना चाहते हैं, वह शुद्ध जल एवं दूध से अभिषेक कर सकते हैं। कहा जाता है कि जलाभिषेक करने के लिए यूँ तो आप कोई भी मुहूर्त ग्रहण कर सकते हैं लेकिन अगर शुभ मुहूर्त की बात करें तो 19 जुलाई को  सूर्योदय के उपरांत दोपहर 2 बजकर 45 मिनट तक का समय इसके लिए सर्वश्रेष्ठ माना जा रहा है। हालाँकि कुछ लोग प्रदोषकाल में चारों प्रहर पूजा के बाद जलाभिषेक करते हैं।

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आर्द्रा नक्षत्र और मिथुन लग्न को जलाभिषेक के लिए विशेष रूप से शुभ माना गया है। 

  • प्रातः 5 बजकर 40 मिनट से 8 बजकर 25 मिनट तक जलाभिषेक हेतु ( विशेष शुभ) मुहूर्त है।
  • शाम 7 बजकर 28 मिनट से 9 बजकर 30 मिनट तक प्रदोषकाल है।
  • रात्रि 9:30 से 11:33 तक निशीथकाल है।
  • रात्रि : 11:33 से 12:10 तक महानिशीथ काल  चतुर्दशी में जल चढ़ाना श्रेष्ठ रहेगा।

भगवान शिव का सबसे पवित्र दिन शिवरात्रि, भगवान शिव की प्रसन्नता प्राप्त करने के साथ-साथ, सकारात्मक उर्जा का एक सर्वश्रेष्ठ श्रोत माना गया है। कहा जाता है कि इस दिन की पूजा करने से, भगवान शिव पर जलाभिषेक या रुद्राभिषेक करने मात्र से जीवन में शांति आती है, और कितनी भी कठिन राहें हो वो आसान लगने लगती है। इसके अतिरिक्त शिवरात्रि का व्रत-पूजन करने से मनचाहा वर भी मिलता है और समस्त मनोकामनाएं भी अवश्य पूरी होती हैं। 

इस दिन की पूजा में भगवान शिव के कुछ बेहद आसान मंत्रो जैसे ॐ नमः शिवायः आदि का जप अवश्य करें।


सावन शिवरात्रि पूजन विधि 

  • इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें।
  • इसके बाद व्रत करना हो तो पूजा-व्रत का संकल्प लें।
  • इसके बाद घर के मंदिर में शिवलिंग पर पंचामृत चढ़ाएं। (दूध, दही, शहद, घी और गन्‍ने का रस या चीनी का मिश्रण से पंचामृत बनाएं)
  • इसके बाद ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जप करते हुए शिवलिंग पर बेलपत्र, फल, फूल इत्यादि अर्पित करें।
  • इसके बाद शिव चालीसा का पाठ करें या सुनें, और अंत में घर के सभी लोग मिलकर भगवान की आरती करें।


इसके अलावा आप इस दिन की पूजा में कुछ उपाय करके अपनी मनोकामनाएं भी पूरी कर सकते हैं। जैसे, 

  • पाप को नाश करने के लिए इस दिन की पूजा के दौरान भगवान शिव को तिल का तेल चढ़ाएं। इससे आपके समस्त पाप अवश्य नष्ट हो जायेंगे।
  • ऐसे ही अगर किसी कन्या को मनचाहे वर की आस हो तो, इस दिन भगवान शिव को चने की दाल का भोग लगाने की सलाह दी जाती है।
  • इसके अलावा घर में सुख-शांति और समृद्धि चाहते हैं तो, भगवान शिव पर धतूरे का फूल या फल का भोग लगायें तो अच्छा रहता है।
  • इसके अलावा कोई कानूनी कार्यवाही जीतनी हो या अपने शत्रुओं पर जीत हासिल करनी हो तो, इस दिन भगवान शिव को भांग चढ़ाएं। आपकी मनोकामना अवश्य पूरी होगी।
  • इसके अलावा अगर आपका मन शांत नहीं रहता है या आप बुरे विचारों से घिरे रहते हैं, तो  इस दिन पंचमुखी रुद्राक्ष की माला लेकर ऊं नम: शिवाय का जाप करें। 


श्रावण माह की शिवरात्रि के बारे में ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो कोई भी इंसान व्रत रखता है और पूजन करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस व्रत में फलाहार भोजन किया जाता है। इसके अलावा आप इस दिन सुबह और शाम दोनों समय स्नान कर के शिव पुराण, शिव पंचाक्षर, शिव स्तुति, शिव अष्टक, शिव चालीसा, शिव रुद्राष्टक और शिव श्लोक का पाठ करें, तो उसे अति-उत्तम और पुण्यदायी बताया गया है। 


इस महीने का अगला व्रत/त्यौहार है सोमवती अमावस्या, जो 20 जुलाई 2020, सोमवार के दिन मनाई जाएगी। सोमवती अमावस्या के बारे में सम्पूर्ण जानकारी जानने के लिए हमारे साथ जुड़े रहे।

Vedic Astro Care | वैदिक ज्योतिष शास्त्र

Author & Editor

आचार्य हिमांशु ढौंडियाल

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