मंगलवार, 27 अप्रैल 2021

सर्व बंधन मुक्ति के उपाय

नमस्कार। वैदिक ऐस्ट्रो केयर में आपका हार्दिक अभिनंदन है। रामचरित मानस में एक चौपाई है, 
सुमति कुमति सब कें उर रहहीं। नाथ पुरान निगम अस कहहीं॥
जहाँ सुमति तहँ संपति नाना। जहाँ कुमति तहँ बिपति निदाना॥3॥
अर्थात सद् बुद्धि और कुबुद्धि सभी के अंदर रहती है। जहां सुमति होने से अनेक प्रकार की धन संपदा जीवन में प्राप्त होती है, वहीं कुमति होने पर तरह तरह की विपत्तियों से व्यक्ति घिरा ही रहता है। यही वेद और पुराण कहते हैं।
अब यदि सामान्य रूप से अपने आसपास देखें तो ऐसे अनेक उदाहरण मिल जाएंगे जब कोई बहुत सज्जन व्यक्ति भी दुष्टता का आचरण कर देता है। या कोई समझदार, पढा लिखा व्यक्ति भी किसी प्रकार की बड़ी नासमझी वाला व्यवहार कर देता है। या किसी अच्छे अनुभवी व्यापारी को भी उसके व्यापार में निरंतर हानि होती जाती है। किसी अच्छे विद्यार्थि को उसके शिक्षा के क्षेत्र में असफलता का सामना करना पड़ता है। इन सभी स्थितियों का कारण आवश्यक नहीं है कि आप स्वयं ही हों। कभी कभी हमें ज्ञान ही नहीं हो पाता कि कोई अन्य, जो आपसे ईर्ष्या द्वेष शत्रुता की भावना रखता है, वह भी आपके लिए बहुत प्रकार के निंदनीय तंत्र मंत्र यंत्र प्रयोग कर सकता है। राम चरित मानस की ही एक अन्य चौपाई है, ऊंच निवास नीच करतूती देखी सकहिं न् पराई विभूति।। अर्थात बड़े बड़े घरों में निवास करने वाले लोग भी कभी कभी नीच कर्म कर देते हैं, क्योंकि वह किसी अन्य के सामाजिक, आर्थिक, आध्यात्मिक उत्थान को सहन नहीं कर पाते। और दुर्भावनाओं से ग्रस्त होकर, अपने प्रतिद्वंद्वी को हानि पँहुचाने के उद्देश्य से प्रतिद्वंद्वी के व्यापार को, शिक्षा को, स्वास्थ्य को, उन्नति को तंत्र मंत्र के द्वारा बांध देते हैं। आज हम इस वीडियो के माध्यम से आपको तंत्र मंत्र के द्वारा बांधे गए शिक्षा व्यवसाय आदि को खोलने के कुछ सरल उपाय बताएंगे। आप वीडियो को ध्यान पूर्वक पूरा अवश्य देखें, और साथ ही अपने इस वैदिक ऐस्ट्रो केयर चैनल को सब्सक्राइब कर नए वीडियो के नोटिफिकेशन की जानकारी के लिए वैल आइकन दबाकर ऑल सेलेक्ट करना न भूलें। 
आप अनेक लक्षणों को स्वयं अनुभव कर यह ज्ञात कर सकते हैं कि कहीं आपके प्रति किसी ने तंत्र मंत्र का प्रयोग कर बन्धन तो नहीं किया है। यदि शरीर में सदा आलस बना हुआ रहे। मन खोया खोया हुआ रहे। एकांत स्थान में यदि कानों में हवा जैसी आवाज सुनाई दे। व्यापारिक प्रतिष्ठान में आया हुआ ग्राहक सन्तुष्ट होने पर भी व्यापारिक लेन देन न करे। विद्यार्थियों को क्लास में या पुस्तकें पढ़ते हुए मन भटके। उचित उपचार लेने पर भी औषधि काम ना करें। या रोग ही चिकित्सक के समझ में ही ना आए। इन सबका कारण आपके ऊपर किया गया तंत्र मंत्र प्रयोग या आपके द्वारा अनजाने में ही किसी के द्वारा चौराहे या मार्ग में किए गए किसी तंत्र, जिसकी चपेट में आप आ गए हों, उसका प्रभाव हो सकता है। यदि ऐसा कोई लक्षण आपको दिखाई दे तो आपको शीघ्र ही इसका उपाय अवश्य कर लेना चाहिए।
तंत्र बन्धन मुक्ति के लिए सर्वश्रेष्ठ उपाय है महाविद्या पाठ। यह प्रयोग शुभ मुहूर्त देखकर एक ही रात्रि में पांच ब्राह्मणों द्वारा किया जाता है। इसमें साबुत लाल मिर्च से हवन किया जाता है। शीघ्र लाभ हेतु यह एक अद्भुत प्रयोग है।
दूसरा प्रयोग है चंडी पाठ। सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन धान्यं सुतान्वितः। मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न शंशयः।। इस मंत्र से सम्पुटित कर दुर्गा सप्तशती के नौ पाठ तीन दिन में किसी शुभ मुहूर्त में करने चाहिए। तथा चौथे दिन भगवान शिव का षडंग विधि से अभिषेक कर हवन करना चाहिए। यह सिद्ध अनुभव गम्य प्रयोग 5 ब्राह्मणों द्वारा चार दिन में पूर्ण किया जाता है। इस प्रयोग में कामना के अनुसार मुख्य सम्पुट मन्त्र बदल जाता है।
तीसरा प्रयोग है अपराजिता। यह प्रयोग पांच ब्राह्मणों द्वारा पांच दिन में किसी शुभ मुहूर्त में पूर्ण किया जाता है। यह शीघ्र लाभ प्रदान करने वाला एक सिद्ध प्रयोग है। यह सभी उपाय शुद्ध सात्विक हैं। इनके प्रयोग से आप अवश्य ही लाभान्वित होंगे। तथा इन प्रयोगों से किसी भी प्रकार की,  किसी को भी कोई हानि नहीं होगी। यह सदा ध्यान रखें कि आपके द्वारा किए गए किसी भी प्रकार के तंत्र मंत्र यंत्र प्रयोग से किसी भी प्राणी का अहित ना हो। 
अब कुछ अन्य उपाय आपको यहां बता रहे हैं, जिन्हें आप टोटके कह सकते हैं। इनका प्रयोग आप स्वयं कर सकते हैं। किसी भी दुकान अथवा कारखाने का बंधन खोलने के लिये नागफनी-कील (ये मोटी चपटी कील होती है जिसका ऊपरी हिस्सा सांप के फन जैसे मुडा रहता है) की आवश्यकता होती है। ऐसी ४ कीले लेकर उसे देशी गाय के मूत्र में डुबोकर ३ दिनों तक रखें, इसके पश्चात उन कीलो को निकाल लें तथा गौ मूत्र किसी वृक्ष की जड़ो में डाल दें। नागफनी की इन कीलो को किसी पीपल के वृक्ष के नीचे छोटा गड्डा खोदकर गाड़ दें सात दिन इन्हें ऐसे ही गड़ा रहने दें, इसके पश्चात उन कीलो को वापस निकाल लाये। इनमे से एक-एक कील को दुकान के चारो कौनो पर इस प्रकार गाड़ दें कि उनके फन दुकान के बाहर की तरफ हों प्रत्येक कील पर थोड़ा कुमकुम अक्षत चढ़ा दें। ऐसा करने से बंधी दुकान या व्यवसाय खुल जाता है।
बंधा हुआ व्यवसाय खोलने के लिये अन्य विधि के अंतर्गत एक नारियल (जटा वाला) एक तांबे का सिक्का और एक नींबू लें। इन तीनो का कुमकुम अक्षत से पूजन कर धूप दीप दिखाकर दुकान की दहलीज के बीच गड्डा खोदकर तीनो को गाड़ दें यदि इस प्रकार से गाड़ा जाना संभव ना हो तो इन वस्तुओं को लाल या काले कपड़े में लपेट कर दुकान में 3 बार घुमाकर बहते जल में प्रवाहित कर दें। इस कार्य को मुख्यतः शुक्ल पक्ष के मंगल या शनिवार को ही करें।
जिस व्यक्ति की नौकरी किसी बंधन के कारण नही लग पा रही हो उसे इन सात जड़ों, अपामार्ग, चंदन, मौलश्री, अशोक, बरगद की लटकती जड़, पीपल तथा गुलतुर्रा को एकत्रित करना चाहिये। इस सभी जड़ो को किसी नायलोन की महीन जालीदार थैली में रख लें, इस थैली को स्नानागार में किसी खूंटी पर लटका दें रोजाना जब भी स्नान करने जाए तब इस पोटली को स्नान के जल में 5 मिनट तक पड़ा रहने दें। इसके बाद अगले दिन प्रयोग के लिये वापस सुरक्षित टांग दें तथा इस जल से स्नान करें। इस प्रकार से सप्तमूल स्नान ४३ दिन लगातार करने से बंधन समाप्त होता है तथा संबंधित व्यक्ति को सुपरिणाम मिलने लगते हैं। इन जड़ो को शुभ मुहूर्त जैसे सर्वार्थसिद्धि योग अथवा अमृत सिद्धियोगः या रवि-गुरु पुष्य में निकाले तो ज्यादा लाभ होता हैं।
बंधी हुई दुकान व्यवसाय स्थल या अपने निवास स्थान का बंधन खोलने के लिये प्रतिदिन एक प्लेट में थोड़ा सा कपूर लेकर घर या दुकान के अंदर जलाये। कर्पूर के धुए से एक नींबू को धूपित करें। जब कर्पूर पूरा जल जाए तो इस नींबू को दुकान या घर की दहलीज के मध्य रख कर हाथ की चोट से फोड़ दें फोड़ने वाले का मुख बाहर की तरफ रहे। फूटे नींबू को बाहर फेंक दें। इस प्रयोग को भी ४१ दिन लगातार करने से बंधन मुक्ति होती है। हम आशा करते हैं कि इन प्रयोगों से आप अवश्य ही लाभान्वित होंगे। तथा अपने प्रियजनों को भी लाभ प्रदान करने हेतु वीडियो को फॉरवर्ड करना ना भूलें। वैदिक ऐस्ट्रो केयर आपके मंगलमय जीवन हेतु कामना करता है, नमस्कार।
https://youtu.be/b6YV0FnK0KQ

Vedic Astro Care | वैदिक ज्योतिष शास्त्र

Author & Editor

आचार्य हिमांशु ढौंडियाल

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